" 12th fail " थी एक लड़की अनजानी सी.... प्यारी सी दीवानी सी... अपनों पर वो मरती थी... अपनों के लिए सांस उस की चलती थी... मां पापा की दवाई का , भाई बहन की पढ़ाई का... ध्यान वह रखा करती थी... परिवार की खुशियों के लिए खुद को भूल जाती थी... कभी आधी तो ,कभी एक रोटी खास हो जाती थी... अपने सपनों को भूल कर अपनों में खो जाती थी... रिश्ते में तो बहन थी पर, कभी...कभी.. मां का किरदार निभाती थी ... बड़े भाई की well wisher, तो कभी छोटी बहन की बेस्टी कहलाती थी...🤞🤞🤞 एक छोटी सी स्माइल के लिए डाट खुद खा जाती थी... फिर क्या??? आंखों में होते हैं, आंसू फिर भी मुस्काती थी... बहेन नही, best friend नही, एक बेटी बन अनेक किरदार निभाती है... थी एक लड़की अनजानी सी.... प्यारी सी दीवानी सी... अपनों पर वो मरती थी... यूं ही नहीं यह लाइन सदियों से कहीं जाती है... "नारी जग का मोल है, नारी से संसार......
recipe, , business idea , online earning, motivation , health care